Thursday 10 May 2012

सरकार का आत्मसमर्पण तो आम आदमी की क्या बीसात ...............................

छतीसगड के नये जीले सुकमा मे पीछ्ले दीनो वाहा के क्लेक्टर एलेक्स पाल का नक्सल वादीयो दवारा अप्रीहीत कीये जाने औए रीहा होने के बीच मे जो 13 दीनो का नाट्कीय घटनाक्र्म सामने आया वह निश्चीत रुप से चोकाने वाला और अध्यन करने की स्थीती बनाता है । यह बात समझनी होगी की जीस सरकार के पास सारे साधन, लाव -लशकर है और जींन्के भ्ररोसे आम आदमी की सुरक्षा होती है वो खुद नक्सल वाद के सामने घुटने टेकी नजर  आती है । तो फीर एसे आम आदमी, व्यपारी, कर्मचारी की क्या बीसात जो नीहथ्थे ,कमजोर , है और अप्ना जिवन  यापन करने के लीये नक्सल वाद की अवैध मागो को मानने बाध्य होते है

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